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hugs

आलिंगन

अनील कुमार सड़क के बाजु में platform पे बेठा था, तभी CRPF का PickUp Truck आया और अनील लटकती रस्सी के सहारे फुर्ती से उसमें सवार हो लिया।अनील की posting अभी कुछ 15 दिन पेहले ही बस्तर, छतीसगढ़ से दिल्ली हुई। वो अपनी सीट पे जमा ही था के एक bumper ने सब कुछ हीला दिया। अनील यकायक सर्तक हो गाया और उसका हाथ फोरन अपनी rifle पे गया, ये देख पडो़सी बोला, "भाई अराम से, अब तुम दिल्ळी में हो"। अनील मुस्कुराया और बोला, time लगेगा, अभी तो चपल पेहन-ने की आदत पडी है।

जब अनील का deputation CISF में हुआ तो SI साब ने कहा के अभी regular duty/rounds में जगह नहीं है, तो कुछ दिन नई दिल्ळी airport line पे निगरानी और journaling का काम करना पडेगा, पुरानी duty और इस काम में काफी फरक है, पर ठीक रहेगा, थोडा अराम मिलेगा, और उत्ते में पूरे काम की समझ भी हो जाएगी। तब से अनील का काम था कि वो airport metro के entry point पे रहे, और वहां जो गौर फरमाने लायक हो रहा हो उसको लिखता रहे।

सब लोगों को जय हिंद करने के बाद अनील अपने register में entry लगा ही रहा था के passenger security check के भगवान सींह बोले, "क्युं भाई अनील, आज तो यहां की duty का last दिन हे, कल कहीं और…" ।अनील बोला, देखो साब, यहां इत्ता बुरा भी नहीं है। अनील अपनी कागजी duty और उस से पेहले की field duty के बारे मे सोच ही रहा था के उसकी नजर एक जोडे पे पडी जो सुरक्षा जांच से अपना समान बटोर रहा था। आज के समय के जोडे और दोस्तों मे र्फक करने में उसको थोडा समय लगता था, गांव में तो साब नौकरी लगते ही निपट लिये थे।

हां तो जोडा़/दोस्त जल्दी पैसे देने और token लेने की race मे लगे थे और शायद flight के लिये late भी थे।भागम भाग में जेसे ही लडकी ने token gate पास किया, वो रुकी और तब उसे समझा, उस ने पीछे मुड़ के अपने दोस्त से पूछा, "आप नहीं आ रहे हो?", औ भाई उसकी शक्कल बदल गई, और लडका बोला, "आप late हो रहे हो"। वो दोनो security gate के उपर से ही गले मिले, पर उनको इस गेट की फफूंद से धाप नहीं आई। इस आघे अघूरे गले से थोडी उखडी हुई लड़की बोली, "ठीक हे, फिर मिलते हें", और धीरे धीरे सीढ़ी की और चली गई। उनके इसी अघूरे bye bye को देख अनील के चेहरे पे एक सदभावना वाली हंसी आ गई।

इस को देख, अनील अचानक शांत सा हो गया, उसके शरीर की सर्तकता जाती रही। उसे कल का वाकया याद आया, जब वो जोड़ा पूरे आघे घंटे एक कोने में बहस करता रहा, के वो airport तक पूरा छोडने साथ जाए या नहीं। अंत में वो साथ गए, और वो देख अनील को मेहरृनी(short film : https://www.youtube.com/watch?v=0uzkaojllcc) याद आ गई। पूरी duty बस एसे ही खतम हो गई, लोगों को देखते, मिलते, बिछडते। सब तरह के रिश्ते दिखते, सब तरह के flavor और लोगों के बीच की chemistry। कई बार तो लोगों के गले मिलने के अंदाज से उसको आभास हो जाता के लोगों के बीच क्या चल रहा है।

शाम को duty खत्म कर के जब अनील अपने senior को report करने गया तो वो नई duty की जगह बताए उस से पेहले उन से पूछा, "साब, यहां कुछ और दिन duty कर सकता हूं?" SI साब को थोडा अचरज हुआ, वो बोले, "अरे यार, ये काम तो तुम्हारे लिये boring होगा, field के आदमी हो, पूरे दिन register भरते भरते परेशान हो जाते होगे"? इस पे अनील बोला, "साब शुरू में मुझे भी एसा ही लग रहा था, पर याहां के काम में, लोगों को एसे रोज मर्रा की जिंदगी में देख के, मन बहुत शांत रहता है, नींद अच्छी आती है, परीवार वालों के साथ, बच्चों के साथ भी एक झल्लाहट नहीं होती, सब को सुनने समझने का मन करता है"। SI साब कुछ देर अनील को देखते रहे, फिर बोले, "ठीक है, 15 दिन और करते हें फिर देखेंगे"।अनील खु्शी खुशी घर पहुंचा और घुसते ही cartoon network को ताडते अपने बेटे को कस के गले लगा के लेट गया और उसका बेटा नाहक कोशिश करता रहा छूटने की।

credits to kiddo's poem about flavors of hugs

Poem written by Chaitu about him observing people at airports/bus station. https://poeticparadigm.wordpress.com/2014/12/29/waiting/

Ruby's Nelgunda experience